सुभाषचंद्र बोस, अयोध्या रामी रेड्डी ने दलबदल अफवाहों का खंडन किया
Ayodhya Rami Reddy deny defection rumours
( अर्था प्रकाश / बोम्मा रेडड्डी )
विजयवाडा : Ayodhya Rami Reddy deny defection rumours: ( आंध्र प्रदेश) सांसद पिल्ली सुभाष चंद्र बोस और अल्ला अयोध्या रामी रेड्डी ने कहा कि वे वाईएस जगन मोहन रेड्डी के साथ हैं और आगे भी इन्हीं के साथ हम रहेंगे जगन के अलावा उनके पिताजी के साथ भी हम नहीं काम किया है और अब हम ऐसे करने वाले नहीं हैं यह स्पष्ट करते हुए कहा की राज्य में कुछ अखबार पिछले कई वर्षों से गलत खबरें छाप रहे हैं और लोगों में भ्रम फैलाने की साजिश करते आ रहे हैं और उनके ऊपर में सांसद विजय साई रेड्डी कोर्ट में मामले भी दायर कर चुके हैं इसके अलावा कई लोग इन अखबारों को पर गलत प्रचार का केस भी दायर हुआ उसमें यह खबरें छपी थी कि उक्त दोनों सांसद पार्टी बदलने वाले हैं इस बात पर उन्होंने हाल ही में उन अफवाहों को दृढ़ता से खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि वे पार्टी छोड़ रहे हैं।
शुक्रवार को पार्टी के केंद्रीय कार्यालय में मीडिया से बात करते हुए, सांसद पिल्ली सुभाष चंद्र बोस ने स्पष्ट किया कि उनके पार्टी छोड़ने की खबरें झूठी हैं। उन्होंने कहा कि YSR परिवार ने हमेशा उनका समर्थन किया है, उन्होंने कहा कि वे YSR परिवार के प्रति निष्ठा और समर्पण के धनी हैं, हालांकि वे वित्तीय रूप से अमीर नहीं हो सकते हैं। उन्होंने उल्लेख किया कि वे राजनीति में इसलिए आए क्योंकि उन्हें YS जगन मोहन रेड्डी के विजन पर विश्वास था, और राजनीति में उनका सफर जगन मोहन रेड्डी के साथ जारी रहेगा।
सांसद अल्ला अयोध्या रामी रेड्डी ने YSRCP और जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। दोनों सांसदों ने उनके और अन्य राज्यसभा सदस्यों के पार्टी छोड़ने की अटकलों की निंदा की। सुभाष चंद्र बोस ने बताया कि कुछ को छोड़कर, वाईएसआरसीपी के सभी राज्यसभा सदस्य पार्टी के साथ मजबूती से खड़े हैं। उन्होंने निराशा व्यक्त की कि पार्टी के प्रति उनकी अटूट निष्ठा के बावजूद इस तरह की निराधार अफवाहें फैलती रहती हैं। दोनों सांसदों ने पार्टी से इस्तीफा देने के कुछ राज्यसभा और विधान परिषद सदस्यों के फैसले की आलोचना करते हुए कहा कि यह पार्टी और उसके नेता के साथ विश्वासघात है, ऐसे समय में जब तत्काल प्रतिस्थापन की कोई संभावना नहीं है। उन्होंने इस तरह की कार्रवाइयों पर अपनी कड़ी असहमति व्यक्त की और इस बात पर प्रकाश डाला कि ये पार्टी के प्रयासों और नेतृत्व को कमजोर करते हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि राजनीति में जीत और हार स्थायी नहीं है, लेकिन राजनीतिक जीवन में मूल्यों को बनाए रखना महत्वपूर्ण है।
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